वही हाल दुबारा होता / सुमन पोखरेल
बज्म-ए-जीस्त का कोई और ही नजारा होता मिल गया दिल को अगर तेरा सहारा होता समझते तुम भी जजवात को मेरी तरह तो कहते हो जिसे अपना, दिल वो हमारा...
माथे का पसिना होगा / सुमन पोखरेल
प्याला-ए-लब-ए-यार मानिन्द गम को भी पिना होगा गुजरे चाहे जिस तरह से जिस्त है तो जिना होगा उन को खुस देख के एहसास हुवा है हम को के...
सारे दिरहम हुए / सुमन पोखरेल
दिल उस ने तोडा हम बेरहम हुए जिक्र उसका चला रूसवा हम हुए कितने दाग सहना होगा एक इन्सान को ? एक दिल हजार दर्द क्या ये भी कम हुए ? मुहब्बत...
शायर न बनाया होता / सुमन पोखरेल
हमारी इश्क को दिल्लगी का घर न बनाया होता ए संगदिल तुम ने मुहब्बत को जहर न बनाया होता खंजर-ए-शब-ए-स्याह जाने किस किस को मार लेता आशुँओ से...
मेरे कमरे मे / सुमन पोखरेल
आज ये दिल खुस नही है मेरे कमरे मे तू नही तो जैसे कुछ नहीं है मेरे कमरे मे एक सख्त जिन्दगी और हजारों हसरते वैसे तो क्या कुछ नहीं है मेरे...
नादाँ मैं ये कैसा हूँ ? / सुमन पोखरेल
भीड में हूँ और तन्हा हूँ मै भी मेहर जैसा हूँ इतनी बढी दुनियाँ में मैं तो बस एक पैसा हूँ क्या देखोगे सुरत पे, गम से रेजा रेजा है देख लो...
मुस्कुराना आप का / सुमन पोखरेल
मुझे सामने देख यकायक वो मुस्कुराना आप का दिल पे असर कर गया था फिर शरमाना आप का देख के वो मंजर मैने खोया था दिल अपना रात सी जुल्फ, चाँद सा...
दिल को मालामाल देखा / सुमन पोखरेल
सुर्ख होते रूखसार से बिखरते हुए गुलाल देखा जब तक थे रूबरू बस उनका बेहाल देखा मदभरी आँखे सुर्ख होंठ तलवार सी भौहें वो पेसानी जितना देखा जो...