आदेश / सुमन पोखरेल
आदेश तो सुनाई देता ही रहता है; नीचे रहने से ।
दायीं तरफ मत मुड़ना - बायीं तरफ़ मत सोना । खुकुरी साथ रखना - हथियार को पास मत रखना । दरवाज़े, खिड़कियाँ खुला रखना - दरवाज़े पे ताला मारना । एक से ज़्यादा हो के मत चलना - अकेला मत चलना । आँख खोल के मत देखना - चौबीसों घंटे पहरा देना । भूखा मत रहना - कुछ भी मत खाना । कपडे मत पहनना - नंगा मत चलना ।
मुझे समझ नहीं आ रहा, ये आदेश देनेवाले सोच क्यों नहीं सकते ?
(मूल नेपाली से कवि द्वारा अनूदित)
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