बिदा होते हुए
सारी खिड्कीयाँ देख रही हैँ जैसा भी लग ही रहा था सारे दिवारें सुन रहे हैं जैसा भी लग ही रहा था उस वक्त वे सडके और फुटपाथ बोल रहे हैँ जेसा...
شاعرنۂ بنایا ہوتا / سُمن پوکھريل
ہمارے عشق کو رلّگي سا خبر نۂ بنایا ہوتا اے سنگ رل، تونے محبّت کوزھر نۂ بنایا ہوتا خنضر- سیاھہ – شب کیسکیس کو ماد لیتا کیا پتا آنشوعوں نے...
और भी हरी हुई थी / सुमन पोखरेल
दिल मे तब भी तेरी ही मुहब्बत भरी हुई थी तेरे मिलने से दाग-ए-दिल और भी हरी हुई थी उन से मिल के लौट आया मैं जो घर अपना कमरे में...
कहाँ जा रहे हो, कहाँ जा रहे हो ? / सुमन पोखरेल
महफिलों में जो मेरे ही गजल गा रहे हो यकीन हुवा के खतुत मेरे पा रहे हो मैं हूँ तंग किस्मत, या तेरी बदनसिबी है मुझे आज ही है जाना, तुम कल आ...
र मात्र सास आयो / सुमन पोखरेल
आफ्नै कोठाबाट, यो कस्तो बतास आयो चुल्ठो खोल्यौ कि तिमीले, हावामा सुवास आयो रात अँधेरी थियो, तर म बेग्लै देख्छु घुम्टो खोल्यौ कि कसो, यो...
तिमी र म अनि यो मधुमास / सुमन पोखरेल
तिमी र म अनि यो मधुमास आऊ आज भुलौँ संसारलाई बढ्दै गएका मुटुका धड्कन चढ्दै गएका आँखाका नसा ती रहर, यी इच्छा, अनि कामनालाई भन कसरी बाँधूँ...
केटाकेटी / सुमन पोखरेल
टिप्न खोजे मात्र भने पनि तिनका कोमल हातमा आफैँ सरिदिन्छ फूल हाँगाबाट, तिनका ससाना पाउबाट टेकिए आजीवन आफैँलार्इ धिक्कार्छ काँढा। सोचीसोची...
Things I did not understand My Entire Youth / Suman Pokhrel
That was as clear as a stream. in fact, that ambience was as fresh as a breeze. I would not embrace it for it being similar to a breeze,...