O ! Man / LB Chhetri
Chop me up curtail or writhe, do whatever you wish to; but O ! you, the man bear it in mind that me; the nature a creation a...
आजकल मुझे / अभि सुवेदी
लगता है, आजकल मैं अक्सर एक साया ढोकर चलता हूँ। जिस तरह पहाडियोँ के अन्तर्तरङ्ग समझने को धिरे धिरे चारों ओर चक्कर लगाते हैं काली घटाएँ,...
Jungle of Smoke / Ishwar Ballav
Have to stare onto the sky, above. have to touch the horizon. Have to offer a flower to someone. is there someone nearby? if there is,...
Rain in Jungle / Dinesh Adhikari
It’s raining pitter-patter in jungle, and together with every droplet of rain an enlivening aroma is spreading from the soil thirsty for ...
Stone Age / Shubhalaxmi Lamsal
I live the Stone Age and seek the fire for living by striking the pair of palaeoliths. I get cactus to bloom, by carving my existence...
शोकगीत का पोस्टमार्टम / निमेष निखिल
भगाना है किरनोँ से मार-मार कर कमरे में बचे हुवा अँधियारे को । भूख झाँक रही है बेशर्म नरदौआ में से रोग रो रहा है आँखोँ के सामने खदेडना है...
एक टुकड़ा बादल और मेरे सपने / कृष्ण पाख्रिन
जब देखता हूँ मैं तुम्हें आकाश की तरह नीचे आ कर झुकी हुई होती हो पहाड़ी के माथे पर, और बिखरी हुई होती हो क्षितिज के ऊपर, मानो आकाश में कहीं...
عبرت / سیما آبھاس
!اے زندگی آیت کے طرح بھول گیا ہوں میں خود کا نام اور بھول گیا ہوں اپنا لہو کا رنگ بھی. کبوتروں کی طرح پتھتہروں کو نگل کر آ پہنچا ہوں...