राही / महाकवि लक्ष्मीप्रसाद देवकोटा
किस मंदिर को जाओगे राही, किस मंदिर पे जाना है ? किस सामान से पूजा करना, साथ कैसे ले जाना है ? मानवों के कंधे चढकर, किस स्वर्ग को पाना है...
धूवेँ का जंगल \ ईश्वरबल्लभ
उपर आसमान को देखना है क्षितिज को छुना है किसी को एक फूल देना है आसपास कोई है कि नही ! कोई है तो उसे बुलाना है । फिर कोई लहर व लस्कर बनाके...