लालसा / हरिभक्त कटुवाल
पिताजी, मैं स्कूल नहीं जाउँगा इतिहास पढाते हैँ वहाँ, जंग लगे मेसिनो के पूर्जे जैसे मरे हुए दिनों का, और अब तो गणित के सुत्र भी बहुत ही...
Me, a Poet / Haribhakta Katwal
After the impatience of searching for the own self my heart, a victim of dull frailty of losing it does not want to think poetry, at this...