अभिनय / गण्डकीपुत्र
छुप जाते हैँ सब कुछ
जहर रखेँ या अमृत
जीवन रखेँ या मृत्यु
पर्दा लग जाने के बाद
बाहर से कुछ दिखाई नहीं
दिखाई देता है सिर्फ पर्दा ।
जिस तरह पोटली के अन्दर
मांस डाल कर चलने पे भी
सत्तु डाल कर चलने पे भी
दिखाई देती है सिर्फ पोटली
वैसा ही है पर्दा लगना भी ।
मुझे कहीं भी दिखाई नहीं दिया
पर्दा न लगा हुवा एक भी चेहरा
आइने समाने खडे हो कर
खुद को देखते हुए भी
पर्दा नजर आता है मुझे
अपना चेहरा दिखाई देने से पहले ।
................................................................
(सुमन पोखरेल द्वारा मूल नेपाली से अनूदित)
Related Posts
See Allमैले लेख्न शुरू गरेको, र तपाईँले पढ्न थाल्नुभएको अक्षरहरूको यो थुप्रो एउटा कविता हो । मैले भोलि अभिव्यक्त गर्ने, र तपाईँले मन लगाएर वा...