एतय के जिबैत अछि अनन्तकालसुमन पोखरेलAug 18, 20181 min readनहिये बोझि आनय के भार नहि त बोझ पठबय के दुःख जेकरा एबाक चाही, अबैत अछिजीवनउमेरसमय। जेकरा जेबाक चाही, जाइत अछिसमयउमेरजीवन। अनन्त युगक वास्तेजिबय के अछिअस्तित्वक एहि ठाम ठाढ भेनाय। #SumanPokhrel #Maithili #NepaliPoetry #समनपखरल
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